कला और शिल्प में पेंटिंग और ड्राइंग से लेकर मिट्टी के बर्तन और लकड़ी के काम तक रचनात्मक गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। ये गतिविधियाँ व्यक्तियों को स्वयं को अभिव्यक्त करने, उनकी रचनात्मकता का पता लगाने और नए कौशल विकसित करने की अनुमति देती हैं। कला अक्सर सौंदर्यशास्त्र और आत्म-अभिव्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि शिल्प व्यावहारिकता और कुशल निष्पादन पर जोर देती है। केन्द्रीय विद्यालय ओ.एन.जी.सी. श्रीकोना ने समय-समय पर विद्यालय स्तर पर कला और शिल्प पर प्रतियोगिता का आयोजन किया। छात्र केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और स्थान हासिल करते हैं।”