” आनंद पूर्ण दिन
केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) में आनंद पूर्ण दिन (“फनडे”) की अवधारणा मनोरंजक और पाठ्येतर गतिविधियों के लिए निर्धारित एक निर्दिष्ट दिन है। केंद्रीय विद्यालय अक्सर छात्रों को नियमित शैक्षणिक दिनचर्या से छुट्टी दिलाने और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए फ़नडेज़ का आयोजन करते हैं।
आनंद पूर्ण दिन (फ़नडेज़) के दौरान, छात्रों को रचनात्मक, खेल, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रयासों में संलग्न करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
**सांस्कृतिक कार्यक्रम**: संगीत, नृत्य, नाटक और अन्य सांस्कृतिक प्रदर्शनों की व्यवस्था करना जहां छात्र अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन कर सकें।
**कला और शिल्प कार्यशालाएँ**: ऐसी कार्यशालाएँ आयोजित करना जहाँ छात्र अपनी रचनात्मकता और कलात्मक कौशल को बढ़ावा देते हुए विभिन्न कला और शिल्प गतिविधियों को सीख और संलग्न कर सकें।
**सामुदायिक सेवा गतिविधियाँ**: सामाजिक जिम्मेदारी और सहानुभूति के मूल्यों को स्थापित करने के लिए स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, या अनाथालयों या वृद्धाश्रमों का दौरा जैसी गतिविधियाँ करना।
**खेल और प्रतियोगिताएं**: छात्रों के बीच बौद्धिक विकास को प्रोत्साहित करने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, वर्ण खोज और अन्य शैक्षणिक प्रतियोगिताओं की मेजबानी करना।
आनंद पूर्ण दिन (फ़नडेज़) छात्रों को आत्म-अभिव्यक्ति, कौशल विकास, टीम वर्क और सामाजिक संपर्क के अवसर प्रदान करके उनके समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे एक जीवंत और समावेशी स्कूल संस्कृति बनाने में भी योगदान देते हैं जहां प्रत्येक छात्र अपनी रुचियों और प्रतिभाओं का पता लगाने के लिए मूल्यवान और प्रेरित महसूस करता है।
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